तर्ज:- ऐसी दुपहरिया न जाऊं रे,डोली
तर्ज:- सावन की बरसे बदरिया, मां की भीगे
तर्ज:- मंदिर से दौड़ी चली आऊंगी,
//नई साल का धार्मिक गीत//
शिव के मंदिर में जाने ।
नई साल खो मनाने।।
(1) जो शिव के मंदिर में आवे
हर मुश्किल का हल मिल जावे
एक लौटा जल है चढ़ाने ।। नई साल ।।
(2) चौबीस गई ,साल पच्चीस आई
हिंदू राष्ट्र की ज्योत जगाई
राह में फूल बिछाने ।। नई साल ।।
(3) जात पात में हम सब बट रहे
बंगला देश में हिंदू कट रहे
मोदी लगे सुलझाने ।। नई साल ।।
(4) एक दूजे के मन को टटोलो
सब मिल happy new year बोलो
"पदम" के बचन सुहाने ।। नई साल ।।
// इति //