------ तर्ज - होंठों को छूलो तुम मेरा गीत अमर कर दो ------
------ फिल्म - प्रेमग्रंथ ------
। । श्री गणेश वंदना । ।
गणनायक गणराजा अब हम पर दया कर दो ,
प्रथम तुम्हे नमन करें नए गीत नए सुर दो । ।
गिरजा के नंदन हो तुम असुर निकंदन हो,
देवों में गजानंद हो भक्ति का हमे वर दो । । गणनायक । ।
तुम जिसपर कृपा करते भण्डार वहां भरते,
मंगल के स्वामी हो, भक्तों के दुःख हर दो । । गणनायक । ।
रिद्धि और सिद्धि के संग नाथ चले आओ,
आदर से बैठालूँ तुम्हे ऐसा मन मंदिर दो । । गणनायक । ।
जिस राह पे "पदम्" चले सत ज्ञान के दीप जले,
0 comments:
Post a Comment