तर्ज - मिलती है ज़िन्दगी में मोहब्बत कभी
फिल्म - आँखें 1968
वनवास मेरे प्राण का प्यारा चला गया,
मेरी ज़िन्दगी का राम सहारा चला गया । ।
कैकई ने ज़ुल्म ढाया है वचनों को मांग कर,
चौदह बरस को आँख का तारा चला गया । । वनवास । ।
भाई लखन व सीता भी सब साथ हो लिए,
हाय अवध से राज दुलारा चला गया । । वनवास । ।
है दिल पे दौर ऐसे हम कैसे जी सकेंगे,
हम से बिछड़ के लाल हमारा चला गया । । वनवास । ।
यह राम की जुदाई ऐसे "पदम्" ने गायी,
जैसे अवध का राज दुलारा चला गया । । वनवास । ।
फिल्म - आँखें 1968
वनवास मेरे प्राण का प्यारा चला गया,
मेरी ज़िन्दगी का राम सहारा चला गया । ।
कैकई ने ज़ुल्म ढाया है वचनों को मांग कर,
चौदह बरस को आँख का तारा चला गया । । वनवास । ।
भाई लखन व सीता भी सब साथ हो लिए,
हाय अवध से राज दुलारा चला गया । । वनवास । ।
है दिल पे दौर ऐसे हम कैसे जी सकेंगे,
हम से बिछड़ के लाल हमारा चला गया । । वनवास । ।
यह राम की जुदाई ऐसे "पदम्" ने गायी,
जैसे अवध का राज दुलारा चला गया । । वनवास । ।
-: इति :-
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