तर्ज - कव्वाली
झूम कर दीवाने तेरे प्रेम सागर पी गए,
जबकि भंगिया कम पड़ी बूटी मिलाकर पी गए ||
पीने वाले इस तरह पीना कलेजा थामकर,
जिस तरह भोले हलाहल मुस्कुराकर पी गए || झूम ||
सत डिगाने को खड़ा था काम उनके सामने,
नैन की ज्वाला से पापी को जला कर पी गए || झूम ||
आपने खुश होके उसको भस्म कंगन दे दिया,
विष्णु की माया से भस्मा को मिटा कर पी गए || झूम ||
जब "पदम्" पहुंचे शिवालय ज्ञानी गुरु वर मिल गए,
भोले के चरणों में दोनों सर झुका कर पी गए || झूम ||
-: इति :-
0 comments:
Post a Comment