
तर्ज - परदेसियों से न अखियाँ मिलाना
फिल्म - जब जब फूल खिले
मन बावरे हरि के गुणगान गाना,
जीवन मरण का न कोई ठिकाना || मन ||
यह भवसागर पार लगाये,
मोह माया के फंद छुडाये,
आज नहीं तो कल तुझको है जाना || मन ||
आशाओं के लग रहे मेले,
ऊँचे ऊँचे महल...