तर्ज - परदेसियों से न अखियाँ मिलाना
फिल्म - जब जब फूल खिले
मन बावरे हरि के गुणगान गाना,
जीवन मरण का न कोई ठिकाना || मन ||
यह भवसागर पार लगाये,
मोह माया के फंद छुडाये,
आज नहीं तो कल तुझको है जाना || मन ||
आशाओं के लग रहे मेले,
ऊँचे ऊँचे महल दो महेले,
रोज बनाना रोज मिटाना || मन ||
झूठे जग के रिश्ते नाते,
लोग "पदम्" मतलब से निभाते,
अंत समय कोई काम ना आना || मन ||
फिल्म - जब जब फूल खिले
मन बावरे हरि के गुणगान गाना,
जीवन मरण का न कोई ठिकाना || मन ||
यह भवसागर पार लगाये,
मोह माया के फंद छुडाये,
आज नहीं तो कल तुझको है जाना || मन ||
आशाओं के लग रहे मेले,
ऊँचे ऊँचे महल दो महेले,
रोज बनाना रोज मिटाना || मन ||
झूठे जग के रिश्ते नाते,
लोग "पदम्" मतलब से निभाते,
अंत समय कोई काम ना आना || मन ||
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