तर्ज :- जारे कारे बदरा बलमा के द्वार
फिल्म:- धरती कहे पुकार के
फिल्म:- धरती कहे पुकार के
होली आई रंग लाई उड़त गुलाल,
राधा संग होली खेले मदन गोपाल,
रंग भर भर के वो मारे पिचकारी,
बड़ा बेदर्दी भिगाई मेरी साड़ी,
चोली रंग दीनी मोरो किया बुरो हाल । । राधा । ।
मै बरसाने की नार नबेली,
रंग न डारो मै आई हूँ अकेली,
तन रंग दियो मोरे रंगे दोई गाल । । राधा । ।
वो ब्रज गलियों में होली मचाये,
रंग के बदरवा गगन में है छाये,
झूम रहे श्याम "पदम्" नाच रहे ग्वाल । । राधा । ।
-: इति :-
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