पन्द्रह अगस्त हिन्द में हर साल आयेगा।
चारों तरफ जय हिन्द का नारा सुनायेगा ।।
जिस वक़्त शहीदों का लब पे नाम आएगा।
शेखर और भगत सिंह की वह याद लायेगा।।
बापू और दीनदयाल के जग गीत गायेगा।
है नाम अमर दुनिया में न मिटने पायेगा।।
वह जलियों वाला बाग तसब्बुर में आयेगा।
वीरों के खून में हर घड़ी उबाल आयेगा।।
भारत में जो लहरायेगा यह झंडा तिरंगा,
तुफानों से टकरायेगा यह झंडा तिरंगा।।
गरचे हमारी राह में तूफा भी आयेंगें
मां तेरे लाल फर्ज से न मुंह छिपायेंगें,
यह नौजवान सर से कफन बांध के निकले
काटों पे भी दीवाने तेरे चलते जायेंगे,
आंधी में भी फहरायेगा यह झंडा तिरंगा,
तुफानों से टकरायेगा यह झंडा तिरंगा ।। भारत।।
ऐ पाक तूने हिन्द का कहना नहीं माना,
भाई बनाके तूने निभाना नहीं जाना,
यह चाल तेरी लाल बहादुर समझ गया,
जिसने कभी भी सर को झुकाना नहीं जाना,
कश्मीर पर फहरायेगा यह झंडा तिरंगा ।। भारत ।।
-: इति :-
0 comments:
Post a Comment