Saturday, January 6, 2018

Bhola Nath Nirala

तर्ज - मेरा प्यार भी तू है यह बहार भी तू है
फिल्म- साथी 1968

भोला नाथ निराला सारे देवों में आला,
डाले गर्दन में नागों की माला,
गंगा धारी है त्रिपुरारी है 


अंग भवुती है तन मृग छाला, नंदी पर बैठे कैलाशी,
हाथ में डमरू बाज रहा है, शीश पे चंदा है अविनाशी,
हैं घट के वासी । भोला

भस्मासुर को कंगन दीना रावण को लंका दे डाली,
मुंह माँगा वरदान लुटाकर, पर्वत शिव ने धूनी रमाली,
क्या है माया निराली । भोला

नर तन जग में तूने पाया ना कर मूरख तू नादानी,
उनके दर से मांगले मुक्ति, मेरे भोले हैं वरदानी,
कह गए "पदम्" यूँ ज्ञानी । भोला

-: इति :-

Share:

Related Posts:

0 comments:

Post a Comment

Contributors

Archives