तर्ज :- एक दो तीन चार पांच छे
फिल्म :- तेज़ाब
फिल्म :- तेज़ाब
एक श्री राम सांचा लगे रे मोहे,
और दुजा नाम झूठा लगे,
आओ करें निस दिन जयकार,
राम तेरा बेड़ा लगाएंगे पार।।
इनकी शरण में जो अइबे नही,
जीवन सफल हुइबे नही,
है ऐसी माया श्री राम की,
पानी मे पत्थर भी डूबे नहीं,
गाये तेरी महिमा संसार ।। राम ।।
पहुँचे थे गंगा किनारे हरी,
केवट ने आने में देरी करी,
बोला तुम्हारे है चरणों में क्या,
पत्थर की सिल्ला भी नारी बनी,
पहले लूँगा पैंया पखार ।। राम ।।
गोते लगाये है गंगा जमन,
मलमल के धोया है यह तन बदन,
सुन्दर है माटी का पुतला ‘पदम',
भीतर से देखातो काला है मन,
राम नाम मुख से उचार ।। राम ।।
-: इति :-
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