तर्ज :- कव्वाली
बेईमान हैं यह क्योंकि मेरे ईमान के दुश्मन बैठे हैं,
इंसान हैं पर इंसान नही इंसान के दुश्मन बैठे हैं ||
पहले तो हमें अपना कहकर धोके में हमको डाल दिया ,
अब सामने वो इस तरह से मेहमान के दुश्मन बैठे हैं ||
पांचों भाई लाचार हुए द्रौपदी की बाज़ी हार गए ,
बेचारी अबला द्रौपदी की यह शान के दुश्मन बैठे हैं ||
सोचा न "पदम" उस पापी ने द्रौपदी है मोहन की बहना ,
आखिर में पड़ी मुंह की खानी जो भगवान के दुश्मन बैठे हैं ||
-: इति :-
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