तर्ज :- मैहर की शारदा मैया
शनि डरे भूत भागे,
छीन्द बारे दादा के आगे ||
जो कोई लेत हैं नाम तुम्हारों,
सोई किस्मत जागे || छीन्द ||
सब की आशा पूरी करते,
छल और कपट जो त्यागे || छीन्द ||
रामायण का पाठ करे जो,
दया धरम चित लागे || छीन्द ||
"पदम्" के मन बसे मारुती नंदन,
झोली भरे बिना मांगे || छीन्द ||
-: इति :-
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