तर्ज :- जहां डाल डाल पर सोने को चिड़िया करती बसेरा
फिल्म - सिकंदर-ए-आज़म
फिल्म - सिकंदर-ए-आज़म
हरि ॐ नाम का सुमिरन करले मन का मिटे अंधेरा,
जग चिड़िया रैन बसेरा, जग चिड़िया रैन बसेरा ||
जब लख चौरासी भोग लिया तब तूने नर तन पाया || हरि ॐ ||
किया कोल गर्म में माता के उसको तूने विसराया - 2
यूं छल ओर कपट में खर्च हुआ अनमोल रतन धनतेरा || जग ||
इसे आना है उसे जाना है दुनिया है मुसाफिर खाना || हरि ॐ ||
जिस दिन पिंजरा खुल जायेगा इस पंछी को उड़ जाना -2
सब ठाठ पड़ा रह जाएगा न तेरा है न मेरा || जग ||
यह "पदम" फंसा है भव सागर में नैया डगमग डोले || हरि ॐ ||
नहीं कोई सहारा दूर किनारा ओ शिव शंकर भोले -2
प्रभु दया करो सब पाप हरो चरणों मे डाला डेरा || जग ||
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