तर्ज :- आजा तुझको पुकारे मेरे गीत रे
मेरे ह्रदय विराजो शिवराज रे-2
मेरी विपता तारो आज रे || मेरे ||
जानू न कैसे तेरी वंदना हो,
कैसे सफल मेरी आराधना हो,
मैं नादान, दयालु तुम हो आन सवारो काज रे || मेरे ||
तेरी जटों में बहे गंगा की धारा,
शीश पे रोशन रहे चंदा प्यारा,
तीन लोकों के सब देवों में तुम्ही हो सरताज रे || मेरे ||
नंदी पे रहती है तेरी सवारी,
कोई न जाने है माया तुम्हारी,
आज सभा के बीच प्रभुजी राखो "पदम्" की लाज रे || मेरे ||
-: इति :-
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