तर्ज :- कव्वाली
मूषे पे सवारी करते हुए गौरा के दुलारे आएंगे ,
दर्शन करने को जल्दी चलो शिवराज के प्यारे आएंगे ||
प्रथम गणराज सुमरने से सब काम सफल हो जाते हैं ,
वो दीन दया के सागर हैं भक्तों के सहारे आएंगे || मूषे ||
क्यों धूम मची है महफ़िल में, पूछा यूं किसी दीवाने ने,
हम कहने लगे कि आज यहां गणराज हमारे आएंगे || मूषे ||
रिद्धि सिद्धि के दाता हो तुम सब के भाग्य विधाता हो,
वो नाथ "पदम" के गजधारी दीनों के सहारे आएंगे || मूषे ||
-: इति :-
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