तर्ज:- क्या करते थे साजना
फिल्म :- लाल दुपट्टा मलमल का
भव सागर से तारना भोले दयालु शंकर,
हम तो तुम्हारे द्वार आकर विनती सुनाया करते हैं ||
शिव शंकर हैं भोला भाला, इनका है हर ढंग निराला,
ओघड़ दानी हैं वरदानी, पहने गले में नागों की माला,
गाते हैं हम शिव के भजन, ले ली जिए अपनी शरण,
यूं गुणगान गाया करते हैं || विनती ||
जिसने उनका ध्यान लगाया, मूंह माँगा वरदान है पाया,
रावण को लंका दे डाली, भस्मासुर ने कंगन पाया,
उनकी दया से पापी तरे भक्तों की वह झोली भरे,
वह बिगड़ी बनाया करते हैं || विनती ||
मस्तक पर त्रिपुंड है प्यारा, शीश पे बहती गंगा धारा,
अंग भबूती, तन मृगछाला, चन्द्र मुकुट करता उजियारा,
कैलाश पर धूनी लगे, वर्षो वर्ष अलख जगे,
वह डमरू बजाया करते हैं || विनती ||
रिमझिम रिमझिम सावन बरसे, दर्शन को यह नैना तरसे,
आस "पदम्" की राह निहारे करदो थोड़ी कृपा नज़र से,
आये हैं हम दरबार में, अपना नहीं संसार में,
बस तुमको जपा करते हैं || विनती ||
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