तर्ज:- आने से उसके आये बहार
राधा लिए बैठी मन का सितार,
सदा आ रही है यही बार-बार,
बड़ा मतवाला है मेरा सांवरिया-2,
काली कमली वाला है मेरा सांवरिया-2 ||
वो बड़ा है छलिया कभी पनघट पे मुरली बजाये,
ऐसो है कन्हैया खाए माखन ज़मीं पे गिराए,
गिरधारी बनवारी वोही मुरली वाला है || मेरा ||
वह सताए ऐसे रोके मार्ग में ग्वालिन की छोरी,
जाने वो कहाँ से घर में घुस आता है चोरी चोरी,
तरसाए तडपाये यशोदा का लाला है || मेरा ||
जो भजेगा उनको उसकी बिगड़ी हरी ने बनाई,
श्याम की यह लीला इस तरह से "पदम्" ने है गाई,
दर्शाए मनभाये वो ही नन्द लाला है || मेरा ||
-:इति:-
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