तर्ज:- ओ साथी चल चल चल तू
फिल्म:- सलाखें
फिल्म:- सलाखें
ओ साथी चल चल चल तू शिवालय में,
जहाँ हरी धुन गायें सभी इक लय में ||
शिव के दर पे शीश झुकाले,
अपने मन की प्यास बुझाले,
ऐसे हैं वह ओघड़ दानी, भक्त कहें वो हैं वरदानी,
भोले आन विराजो मेरे ह्रदय में || चल चल ||
गंगा धारी डमरू वाले,
सब देवों में भोले भाले,
गांजे की जब चिलम चढ़ाये गौरा से भंगिया घुटवाये,
बाबा अलख जगाये हिमालय में || चल चल ||
श्रद्धा के कुछ फूल हैं अर्पण,
नाथ "पदम्" के काटो बंधन,
ऋषि मुनि तेरे गुण गायें, मानव दानव तुम्हें मनाएं,
गूंजे अम्बर भोले की जय जय में || चल चल ||
-: इति :-
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