तर्ज:- हम ना जइबे ससुर घर में बाबा
//श्री गणेश भजन//
हम तो आये गजानंद के द्वार बाबा,
मिले हमको भी थोड़ा सा प्यार बाबा ||
गौरा ने गणपति को नाजों से पाला,
शिवजी ने गुस्से में सर काट डाला,
माँ की आज्ञा रखी सिरो धार बाबा ||
अलबेले मूषक पे करते सवारी,
देवों ने जानी न लीला तुम्हारी,
ज्ञान बुद्धि में सब गए हार बाबा ||
विघ्न विनाशक हैं गणराज देवा,
कहलायें देवों के सरताज देवा,
रिद्धि सिद्धि भरें भण्डार बाबा ||
"पदम्" ने पूजा की थाली सजाई,
श्रद्धा सबूरी की माला बनायीं,
लाये मोदक के लड्डू चार बाबा ||
-: इति :-
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