रात आधी अंधियारी डर लागे,
कैसे आऊँ मैं सांवरिया ||
आस टूट गयी सासू मेरी जाग रही,
भेद सारा खोले है पायलिया || कैसे ||
प्रीत कैसे निभे दुश्मन हैं जग वाले,
वह क्या जाने जिसने की प्यार ना किया || कैसे ||
आग विरहा की कैसे बुझे जाने "पदम्",
और काहे तड़पाये जुल्मी पीया || कैसे ||
-: इति :-
0 comments:
Post a Comment