तर्ज :- राम तेरी गंगा मैली हो गयी
फिल्म :- राम तेरी गंगा मैली
शिव की शरण में आया, विनती करूँ मैं रोते रोते,
काया की चूनर मैली हो गयी,
बीती रे उमरिया, धोते धोते ||
काम क्रोध की कीचड़ लागी, मोह माया की कजली,
नेकी से मूंह फेर के, मैंने वदी से झोली भरली,
कुछ समझ न आये, कोई राह न दिखाए,
जिसने दिया यह जीवन, उसके भजन न गाये,
जनम गंवाया, मैंने काम के संग सोते सोते || काया की ||
बाबुल के घर से जब निकली ओढ़ के कोरी चुनरिया,
माया के जंजाल में फंसकर, बीती जाये उमरिया,
मैं न जानू कित जाऊं, किसे दुखड़ा सुनाऊँ,
मेरे भोले शिव की आगे कैसे मुखड़ा दिखाऊँ,
अब तो कमरिया टूटी, ज़िन्दगी का बोझ ढोते ढोते || काया की ||
सुर नर ऋषि मुनि न जाने महिमा शिव की न्यारी,
मैं नादान "पदम्" अज्ञानी, तुम भोले भंडारी,
मुझे अपना बनालो, मेरी बिगड़ी बनादो,
मेरी नैया के खिवैया, बेड़ा पार लगादो,
लख चौरासी खाए भव सागर में गोते || काया की ||
-:इति:-
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