तर्ज :- तोरे मड़ पे बदरा हो रहे
मोरी पत रख लइयो, छींद के दादा,
हम तुमरे द्वार पे आये हो, देवा दया कर दईयो,
मोरी पत रख लइयो, छींद के दादा ||
संकट मोचन नाम तुम्हारो,
बजरंगबलि कहाए हो, देवा दया कर दईयो || मोरी ||
शिखर पे सोने के कलश धरे हैं,
लाल ध्वजा लहराए हो, देवा दया कर दईयो || मोरी ||
जो कोई पड़े हनुमान चालीसा,
भूत प्रेत भग जाए हो, देवा दया कर दियो || मोरी ||
राम के संकट तुमने टारे,
सीता की सुध लाये हो, देवा दया कर दईयो || मोरी ||
अखंड रामायण द्वार पे हो रई,
सुनत पाप कट जाए हो, देवा दया कर दईयो || मोरी ||
"पदम्" को दरस की आस लगी है,
नारियल भेंट चढ़ाये हो, देवा दया कर दईयो || मोरी ||
-: इति :-
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