तर्ज:- मेरा प्यार भी तू है ये बहार भी तू है
फिल्म:- साथी 1968
राधा सखियों से बोली, चलो लेकर के टोली,
फिल्म:- साथी 1968
राधा सखियों से बोली, चलो लेकर के टोली,
बरसाने में खेलेंगे होली,
कान्हा छलिया से, मन बसिया से || राधा ||
लाल गुलाल से मूंह रंग देंगे, रंग बिरंगे रंग डालेंगे,
आज कन्हैया को हम मिलकर अपने रंग में रंग डालेंगे
झूमके संग नाचेंगे || राधा ||
जब सब सखियाँ घर से निकली, राह में मिल गए मदन मुरारी,
देख के झुर मुट में राधा को, तान ली मोहन ने पिचकारी,
राधा को रंग डारी || राधा ||
दोनों तरफ से रंग है बरसा, लाल गुलाल गगन में छाया,
ऐसे रंगे हैं "पदम्" किसी को चेहरा भी पहचान न आया,
मस्त महीना आया || राधा ||
-:इति:-
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