तर्ज़:- कैलाश के निवासी नमो बार बार हूं
//श्री गणेश भजन//
माँ गौरा के ललन को नमन बार बार है,
मूषे पे चले आओ, तेरा इंतज़ार है ||
त्रिलोक में देवों के तुम सरताज कहाते,
दाता हैं रिद्धि सिद्धि के गणराज कहाते,
तेरी दया हो जिसपे उसका बेड़ा पार है || मूषे ||
मोदक के लड्डू लाये हैं प्रभु भोग लगाना,
जाना है चले जाना, पर अगले वर्ष आना,
मंगल के हो स्वामी, तेरी महिमा अपार है || मूषे ||
जीवन में क्या करोगे, इस दौलत के ढेर का,
चरणों में गजानंद के खजाना कुबेर का,
ऋषियों ने और मुनियों ने की जय जयकार है || मूषे ||
वेदों में पुराणों में, तेरा नाम बड़ा है,
झोली "पदम्" की भरदो, यह चरणों में पड़ा है,
तेरे बिना अब कौन मेरा मददगार है || मूषे ||
-: इति :-
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