------ तर्ज :- कहन लगे हमसे ------
कहन लगे हमसे पंडा बऊरी,
माँ के मड़ पे चड़ा दईयो झंडा ||
मुर्गा चड़ेगो न बकरा चड़ेगो,
दारु चड़ेगी न अंडा || बऊरी ||
भूत चुड़ेलों की शामत बनी है,
बिना उस्तरे की हजामत बनी है,
पंडा ने मारे जो डंडा || बऊरी ||
पर्वत पे बैठी है माता भवानी,
बहता है जल ठंडा ठंडा || बऊरी ||
आल्हा उदल ने भी झंडा चढ़ा दये,
कब से "पदम्" माँ के चरणों में आ गए,
ताबीज चाहिए न गडा || बऊरी ||
-: इति :-