तर्ज़:- हुरिया में उड़े रे गुलाल,कहियो रे मंगेतर से
बम भोला भंडारी,
जपे है दुनिया सारी ||
ऐसी भांग गले से लगाई,
गौरा की शामत बन आई,
घोंट घोंट कर हारी || जपे ||
मरघट में जब डमरू बजाये,
भूत चुड़ेलें उठ कर आयें,
नाचे दे दे तारी || जपे ||
शिव शंकर हैं ओघड़दानी,
मूंह माँगा वर दें वरदानी,
भक्तन के हितकारी || जपे ||
अमृत की बरसात हैं बाबा,
सब दुखियों के साथ हैं बाबा,
"पदम्" है शिव का पुजारी || जपे ||
-: इति :-
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