------ तर्ज:- जारे कारे बदरा ------
------ फिल्म:- धरती कहे पुकार के ------
------ फिल्म:- धरती कहे पुकार के ------
जारे जारे मनवा राम जी के द्वार,
वह ही तेरी नैया लगायेंगे पार ||
हरी धुन गा ||
बचपन बीता जवानी रंग लायी,
विरहन के संग तूने रतियाँ बिताई,
तेरा रंग रूप रहेगा दिन चार || वो ही ||
जब तो पे मूरख बुढ़ापा जो आये,
यम तेरी साँसों पे पहरे लगाए,
अंत काल तू न हरी को बिसार || वो ही ||
जब तेरी दौलत के साये हटेंगे,
सभी अपने वाले किनारा करेंगे,
झूठी तेरी प्रीत है झूठा संसार || वो ही ||
हरी नाम जपले सुमरले रे बन्दे,
कटेंगे "पदम्" मोह माया के फंदे,
तभी तेरा दुनिया से होगा उद्धार || वो ही ||
-: इति :-
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