------ तर्ज:- आधा है चन्द्रमा रात आधी ------
------ फिल्म:- नवरंग ------
जय दुर्गे माँ मेरी ज्योति को जगादो,
मेरी शक्ति को बढ़ादो,
बीच भावर नाव फंसी पार लगाये,
मेरी बिगड़ी को बनादो || जय ||
करूं दुर्गे से विनती मैं आज रे,
मेरी लज्जा को डूबे जहाज रे,
सुनो मैया पुकार मेरी विनती बार बार,
ज्ञान महफ़िल मेरा बढ़ादो || जय ||
मान भक्तों का तूने बढ़ाया,
ज़ुल्म पापी का तूने मिटाया,
किया दुष्टों को संहार, किया भक्तों को उद्धार,
दुर्गे दुश्मन का अड्डा हटादो || जय ||
होके सिंह पे सवार चली आओ माँ,
अपने भक्तों की विपता हटाओ माँ,
गायें माँ के भजन लगी चरणों में लगन,
अब "पदम्" को माँ दर्शन दिखादें || जय ||
-: इति :-
0 comments:
Post a Comment