------ तर्ज:- गंगा मैया में जब तक ------
आज नगरी में घर में घर ख़ुशी छाई है,
राम नवमी बड़ी धूम से आई है,
रामा हो बोलो रामा.... ||
राम नवमी घड़ी ऐसी लायी,
राम के जन्म की है बधाई,
वह है दशरथ के लाल, माता के नौनिहाल,
इनकी सूरत सभी जन के मन भाई है - 2 || रामा ||
राम के नाम में वह असर है,
पानी में तैरता पत्थर है,
जो भी जाए शरण खुश हो लौटे मगन,
बड़े दानी दयालु वह रघुराई है - 2 || रामा ||
रीति रघुकुल सदा से यह आई ,
प्राण जाए वचन पर न जाई,
सुन के माँ के वचन चल दिए तीनों वन,
राजधानी अयोध्या को ठुकराई है - 2 || रामा ||
राम के भक्त बजरंग हैं प्यारे,
सीता सुध लाये हिम्मत न हारे,
राम कर दो करम है शरण में "पदम्",
जग को छोड़ तुम्हारी शरण पायी है - 2 || रामा ||
-: इति :-
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