।। तर्ज:- राम रंग में रंगे,सीता रंगी हरदी में ।।
मैया भुवना तुम्हार आल्हा ने झंडा गड़ा दये,
मैया अंगना तुम्हार आल्हा ने झंडा गड़ा दये ||
नो दिन मैया की ज्योति जलाई, नारियल निबुआ की भेंट चड़ायी,
हमरी सुनियो पुकार - 2 || आल्हा ||
लाल टिकी, लाल महावर, चढ़ा रहे गौटा, जड़ी लाल चूनर उड़ा रहे,
माँ को कर दियो सिंगार - 2 || आल्हा ||
चंपा चमेली के हार बनाये, हलुआ पूड़ी के भोग लगाये,
माई करियो स्वीकार - 2 || आल्हा ||
शिव शंकर तेरो ध्यान लगावे, ब्रह्मा विष्णु भेद न पावे,
माँ की महिमा अपार - 2 || आल्हा ||
तीन लोक चौदह भुवनों में शीश धरे तुमरे चरणों में,
खूब हो रई जयकार - 2 || आल्हा ||
मैहर करो माँ मैहर वाली "पदम्" खड़ो है द्वार सवाली,
दर्श दई दो एक बार - 2 || आल्हा ||
-: इति :-
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