------ तर्ज:- घर घर टेरत फिरत बुलउआ "जस" ------
दानव में दुष्टों का वध करने,
शेर पे चली सवार हो माँ ||
महिसा को पकड़ के मैया,
भूमि दयो है दार हो माँ ||
चंड मुंड के मुंड काट दये,
पहने मुंडन हार हो माँ ||
लप लप जीभ निकाले मैया,
भय गयो हा हा कार हो माँ ||
लहू के भर भर खप्पर पी गयी,
रक्तबीज दये मार हो माँ ||
देख विनाश को राह में लेटे,
शिव शम्भू करतार हो माँ ||
"पदम्" सुमर मैया तोरे जस गावें,
बिगड़ी देओ सवांर हो माँ ||
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