------ तर्ज:- देव मोगरा, कली में भैरों "जस" ------
माई वैष्णों के द्वारे भैरों जम गयो रे,
माई बैठी करे श्रृंगार || माई वैष्णों ||
माई मेरी सुनलो पुकार || माई वैष्णों ||
ब्याह रचाने भैरों हुआ तैयार,
छिपत फिरे मैया जंगल पहाड़,
मच गया हाहाकार || माई ||
माँ ने चतुर्भुज रूप धरो,
भैरों जाए मैया की शरण पड़ो,
दये अपराध बिसार || माई ||
मैया जी भैरों को दिया वरदान,
ऊंचे पहाड़ पे दिया स्थान,
भैरों की भई जयकार || माई ||
"पदम्" सुमर जस गा लइयो,
मैया जी शरण बिठा लइयो,
कर दइयो उद्धार || माई ||
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