------ तर्ज:- इश्क और प्यार का मजा लीजिये ------
सुनके पुकार माँ चली आइयो,
सिंह पे सवार माँ चली आइयो,
होगा उपकार माँ चली आइयो || सिंह पे सवार माँ चली आइयो ||
देख कर भी मौन है जमीन आसमां,
पाप अत्याचार की लिख रहे हैं दास्ताँ || लेके तलवार माँ चली आइयो ||
हर गली के मोड़ पर रक्त बीज हो गए,
जग रहा अधर्म है धर्म राज सो गए || छाया अन्धकार माँ चली आइयो ||
आज कामधेनु को लोग काटने लगे,
दूध पीने की जगह चारा चाटने लगे || नैया मझधार माँ चली आइयो ||
माँ के पूजा पाठ की हम न जाने साधना,
माँ "पदम्" को तार दो इतनी सी है प्रार्थना || करलो स्वीकार माँ चली आइयो ||
करते इन्तजार माँ चली आइयो,
भरने भन्डार माँ चली आइयो,
करने उद्धार माँ चली आइयो,
बेड़ा करो पार माँ चली आईयो ||
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