
वह उधर रुख से पर्दा हटाने लगे,
अब कसम टूट जाये तो मैं क्या करूं,
चूम लूँगा खुदा की खुदाई को मैं,
वह सनम रूठ जाये तो मैं क्या करूं ||
गेसू काली घटा नैन कजरा भरे,
इनके जलवों पे कैसे कोई न मरे,
जब मैं कजरारे नैनों से पीने लगा,
यह कदम लड़खड़ाये तो मैं क्या करूं ||
चांदनी...