------ तर्ज:- आज मेरी पत रखियो भला ------
माई मेरी, रण लड़ने चली, माता काली, जगदम्बे माँ अम्बे,
धरे माँ रूप भयंकर - मारन चली निसाचर,
ढाल तल्बारें लेकर - खून से भरने खप्पर || हो माई ||
रक्तबीज उत्पात मचाये, देवों ने फिर अलख जगाये,
टेर सुनी दुःख हरने चली, माता काली जगदम्बे माँ अम्बे ||
बड़े बड़े दानव संहारे, मुण्ड माला गर्दन में डारे,
लाल ध्वजा लिए कर में चली माता काली जगदम्बे माँ अम्बे ||
हा हा कार मचा धरती पर चरनन लेट गए शिव शंकर,
पाँव हटा कर रुकने लगी माता काली जगदम्बे माँ अम्बे ||
शुम्भ निशुम्भ पछाड़ने वाली "पदम्" को रह दिखावन वाली,
ध्यान धरु पत रखियो मेरी माता काली जगदम्बे माँ अम्बे ||
धरे माँ रूप भयंकर मारने चली निशाचर,
ढाल तल्बारें लेकर खून से भरने खप्पर,
दया करो माई हम पर शेर पे आओ बैठकर.
माई पर्बत के ऊपर माई की महिमा बढ़कर,
गुफा के भीतर मंदिर माई मंदिर के भीतर
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