------ तर्ज:- कव्वाली ------
कैसे कहदूं कि यह दीवाने किधर जायेंगे |
शेरा बाली ने बुलाया है उधर जायेंगे ||
कौन रोकेगा हमें माँ की शरण जाने को |
उनके बेटे हैं जो मैहर की डगर जायेंगे ||
सबसे ऊंचा मेरी माँ का दरबार है,
उनकी शक्ति का जग में नहीं पार है,
राजा हो इक माँ जो संग हो,
शेरा बाली के दर्शन से तर जायेंगे ||
माँ की भक्ति से भक्तों को फल मिल गया,
उनकी शक्ति से निर्बल को बल मिल गया,
आये संकट अगर माँ को तू याद कर,
यह मुसीबत के दिन भी गुज़र जायंगे ||
दीन दुखियों को दुनिया ने ठुकरा दिया,
ऐ "पदम्" सबको मैया ने अपना लिया,
इसलिए हम तुम्हारी शरण आ गए,
छोड़ चरणों को तेरे किधर जायेंगे ||
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