तर्ज:- अपनी तो जैसे तैसे
फरियादी कैसे कैसे झोली, मैया के दर से भर जाएगी,
माँ की महिमा निराली – माँ शेरावाली ||
सबसे ऊंचा सबसे सांचा, माँ तेरा दरबार है,
राजा हो या भिखारी, सबसे माँ को प्यार है,
माँ के दर पे जाने वाले, तेरा बेड़ा उस पार है
मुश्किल से मुश्किल तेरी – इसमें नहीं लागे देरी, कट जाएगी || माँ की महिमा ||
तुम ही दुर्गे, तुम भवानी, अम्बे काली हो तुम ही,
वैष्णव देवी तुम्ही हो, मैहर वाली हो तुम्ही,
अपने बेटों की मुसीबत हरने वाली हो तुम्ही,
माँ की तू करले भक्ति – पापी जीवन से मुक्ति मिल जाएगी || माँ की महिमा ||
पास मेरे कुछ नहीं है, क्या तुम्हे अर्पण करूं,
तेरा तुझको ही चढ़ा कर किस तरह पूजन करूं,
दो घड़ी माँ की शरण में चल “पदम्” सुमरन करूं,
चाहे संकट की घड़ी हो – दर पे चाहे मौत खड़ी हो, टल जाएगी
|| माँ की महिमा ||
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