मैं तोहे कैसे मना लऊं मैया,
कैसे रिझा लऊं मैया || मैं ||
तीन लोक चौदह भुवनों में,
तुम सा कोई नैया || मैं ||
तेरी पूजा, तेरी वंदना,
मैं जानत कछु नैया || मैं ||
दर दर की मैंने ठोकर खाईं,
आना पड़ा तोरे पैयां || मैं ||
ब्रह्म, विष्णु और शिव शंकर,
पुनः पुनः लेत बलैयां || मैं ||
गहरी नदिया नाव पुरानी,
तुम बिन कौन खिवैया || मैं ||
भव सागर में गहरा पानी,
"पदम्" की डोलत नैया || मैं ||
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