------ तर्ज:- मुखड़ा चाँद का टुकड़ा ------
------ फिल्म:- कुदरत का कानून ------
यह शेरावाली का द्वारा, यहाँ सोये भाग्य जगाले,
मन की मुरादें पाए हर एक सवाली यहाँ,
निर्धन और धन वाले ||
ऊंचे पहाड़ जाके भुवन बनाये हैं,
राजा और रंक तुम्हे शीश नवाए हैं,
मैया क्यों करती हो देरी - अब तो विनती सुनलो मेरी,
पार लगादो नैया, चाहे तू डुबो देइ,
कर दी है तेरे हवाले || यह शेरा ||
सबसे है साँची मैया, सांचा दरबार है,
छोटा बड़ा कोई नहीं, माँ को सबसे प्यार है,
जो भी माँ की ज्योत जलाये - मुंह माँगा वरदान वह पाए,
दुखड़ा मिटने वाली,अम्बे भावनी माँ के,
चरणों में सर को झुकाले || यह शेरा ||
दुर्गे भवानी माँ की महिमा अपार है,
पीले पीले शेरा पे, माँ रहती सवार है,
सबके दुखड़े दूर करे माँ - खाली भण्डार भरे माँ,
पड़ा है शरण मैया "पदम्" तुम्हारी,
ठुकरा दे चाहे अपना ले || यह शेरावाली ||
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