
------ तर्ज:- चलाओ न नैनों से बाण रे -----
जलाओ रे ज्योति, करो ध्यान रे
माँ के चरणों में आन रे
कहीं निकल न जाये, कहीं निकल न जाये
ऐसा मौका महान रे |
शामिल भी हो, शामिल भी हो
हमरा भक्तों में नाम रे || जलाओ ||
ऊंचे पहाड़ों पे बैठी है माँ
मुंह माँगा बरदान देती...