----- तर्ज:- तेरे नैना बड़े दगाबाज रे -----
दिन रैना जपो रे
जिंदगी में लगे है बहुत काम रे || दिना ||
दो दिन बचपन है, दो दिन जबानी है, इसी पर तू इतरायेगा
माया भी रूठेगी, काया भी छूटेगी, जिस दिन बुढ़ापा आयेगा
आज आया नहीं तो काल आयेगा,
मौत का नाम सुनकर तू घबराएगा || जिंदगी ||
दिन का मेला है, झूठा झमेला है, तू न समझ पायेगा
दिन का सपना है, कोई न अपना है "पदम्" अकेला जायेगा
साधू संतों की बाणी का मान रखले,
राम सीता के चरणों का ध्यान करले || जिंदगी ||
-: इति :-
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