----- तर्ज :- छाप तिलक सब छीनी तोसे नैना मिलायके -----
फिल्म :-----में तुल्सी तेरे आंगन की -------
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कोरी चूनर रंग लीनि रे ,साधु संतों में जाय के ।
राम के रंग रंग लीनी रे ,साधु संतों में जाय के ।
राम कृपा जब कीनी रे,साधु संतों में जाय के ।।
यह चुनरी मोह माया में फंस गई,
काम क्रोध कांटों में उलझ गई,
तार तार कर दीनी रे ।।साधु ।।
राम भजन का नशा अजब है,
ऐसा नशा चढ़े तो गजब है,
ऐंसी सुरा हमें पीनी रे ।। साधु।।
राम नाम लिख दिया शिला पर
हनुमान गए लांघ समुंदर
सीता की सुधि लीनी रे ।। साधु ।।
मैं अज्ञान हूँ निपट अनाड़ी,
राम भरोसे छोड़ दी गाड़ी,
बात "पदम" कह दीनी रे ।। साधु ।।
-: इति :-
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