------ तर्ज:- लाल लाल कुर्ती पे गौरा से बदन -----
लाल लाल चुनरी में मैया को नमन -2
आये तेरे द्वार मैया दे दो दर्शन,
माया के भँवर विच फँस गए हम,
मैया के पहाड़ जाके चढ़ गए हम ।। लाल लाल ।।
पल में फकीरों को अमीर बना देती हो,
पल में अमीरों को फकीर बना देती हो,
तेरी ही रजा में खुश रहे हर दम,
मैया के पहाड़ जाके चढ़ गए हम ।। लाल लाल ।।
अम्बे काली दुर्गे माँ की शेर पे सबारी है,
पाप का सर धड़ से उड़ाने की तैयारी है,
मैया लेकेअवतार आएगी "पदम",
मैया के पहाड़ जाके चढ़ गए हम ।। लाल लाल ।।
-: इति :-
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