माँ गौरा और शिव को नमन बार बार है ।।
नंदी पे चले आओ तेरा इंतजार है ।।
त्रिलोक के देवों में महादेव कहाते,
दानी है महादानी है बरदान लुटाते
तेरी दया हो जिसपे उसका बेड़ा पार है ।। नंदी ।।
कैलाश पे मिलेंगे हिमालय पे मिलेंगे,
दर्शन मेरे भोले के शिवालय में मिलेंगे,
साकार निराकार तू ही ओमकार है ।। नंदी ।।
गौरा ने भंग घोंट के भोले को पिला दी,
मरघट में जाके भोले ने धूनी को लगा ली,
भूतों ने चुड़ैलों ने करी जय जय कार है ।। नंदी ।।
जीवन में क्या करोगे इस दौलत के ढेर का,
चरणों में शिव के पाया खजाना कुबेर का,
ॐ नमः शिवाय जपो यही सार है ।। नंदी ।।
कालों में महाकाल तेरा नाम बड़ा है,
झोली "पदम" की भरदो यह चरणों में पड़ा है,
तेरे बिना अब कौन मेरा मददगार है ।। नंदी ।।
-: इति :-
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