Saturday, November 3, 2018

Shiv Japo Sundaram

दोहा:- शिव ही तीनों लोक है,शिव है चारों धाम ।
          शिव मुक्ति का द्वार है,शिव को कोटि प्रणाम ।।
// शिव महिमा गान//
शिव जपो सुन्दरम, शिव भजो सुन्दरम
सुन्दरम है शिवम्, है शिवम् सुन्दरम ||

(1)शिव है काशी पुरम, शिव है रामेश्वरम,
शिव है त्रयम्बकं, शिव है नागेश्वरम ,
शिव सदा वंदनम, शिव सदा पूज्यनम || सुन्दरम ||

(2)शिव ही दिगपाल है,शिव ही बेताल है
शिव ही कलिकाल है,शिव महाकाल है
शिव है ब्रम्हा कथन,शिव है नारायणम ।।सुंदरम।।

(3)शिव है धरती गगन, शिव है गीता बच्चन
शिव शशि की किरण,शिव रवि की तपन, 
शिव अमावस पूनम, शिव करे मंगलम|| सुन्दरम।।

 (4)शिव ही घनश्याम है,शिव ही बलराम है
शिव परसराम है,शिव श्री राम है
शिव है पूजा हवन,शिव दया और धरम।।सुंदरम ।।

(5)शिव है जीवन मरण, शिव है अन्तः करण,
शिव है तारण तरण, शिव है चिंता हरण,
शिव शरण में "पदम"रहूं जन्मोजनम।।सुंदरम ।।

-: इति :- 



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