Tuesday, November 13, 2018

Shyam Bade Chalbaliya

श्याम बड़े छलबलिया में कैसी करूं,
बैरन हो गयी मुरलिया में कैसी करूं ।।

क्यों ज़ुल्मी संग प्रीत लगाई,
पकरन चाही में पकर न पाई,
दे गये छील विलैंया ।।

प्रीत लगाके नाता जोड़ा,
चूड़ी तोड़ी, कंगन तोड़ा,
तोड़ी नरम कलैया ।।

इस छलिया की कोन निशानी,
दुनिया जिसकी प्रेम दीवानी,
इनमें एकऊ नैंया ।।

राधे मौहन की जोड़ी आला,
"पदम" वो ही सबका रखवाला,
दुनिया भूल भुलैंया ।।

-: इति :-



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