----- तर्ज : - पारबती तारो सैयां री, में देख आईं गुइयाँ ||हाँ || -----
काली घाट की मैया री, में देख आईं गुइयाँ || हाँ ||
मंदिर बनो है तला किनारे,
तला में ठंडी उड़त फुहारे,
बहुतई ऊँचो शिखर बनो है,
शिखर पे लालई झंडा लगो है,
बैठे हैं जाप करैया री || में देख आईं गुइयाँ || हाँ ||
काली घाट की मैया री, में देख आईं गुइयाँ || हाँ ||
मंदिर बनो है तला किनारे,
तला में ठंडी उड़त फुहारे,
बहुतई ऊँचो शिखर बनो है,
शिखर पे लालई झंडा लगो है,
बैठे हैं जाप करैया री || में देख आईं गुइयाँ || हाँ ||
टी. टी. नगर को माता मंदिर,
बहुत पुरानो बहुत ही सुन्दर,
माता मंदिर की मैया री || में देख आईं गुइयाँ || हाँ ||
सड़क किनारे मंदिर बनो है,
टी. वी फ्रिज को बजार घनो है,
हमीदिया रोड की मैया री || में देख आईं गुइयाँ || हाँ ||
शीतला माँ को मंदिर सुहानो,
बगल में बनो है पुलिस को थानो,
टीले की कैला मैया री || में देख आईं गुइयाँ || हाँ ||
सोम्बारे की मैया री, में देख आई गुइयाँ || हाँ ||
कर्फ्यू बाली मैया री, में देख आई गुइयाँ || हाँ ||
पीर गेट के द्वार गिरा दयो,
सोमबारा फिर नाम धरा दयो
बब्बर शेर की करके सबारी,
दुर्गा देती आन पधारी
दुर्गा दैवी से लेने पंगा,
आये बिरोधी हो गया दंगा,
पुलिस कलेक्टर मिनिस्टर आ गए,
सोम्बारे में कर्फ्यू लगा गए
खूब भयो थो धमैयारी || में देख आई गुइयाँ || हाँ ||
मैया ने जब आँखें खोली,
पीर गेट की धरती डोली,
सारे झगड़े खतम हो गए,
दुश्मन भी फिर नरम हो गए,
मंदिर का निर्माण हुआ है,
कर्फ्यू बाली मात कहानी,
अमर रहेगी "पदम्" कहानी,
पार करे सबकी नैया री || में देख आई गुइयाँ || हाँ ||
श्रावण के सोमबार को भारी
मेला पहुंचे नर नारी,
न्योरी की पारबती मैया री || मैं देख आई गुइयाँ || हाँ ||
मिर्ची धनिया थोक विकत है,
उतई पे डिस्पोजल भी मिलत है,
आजाद मार्केट की मैया री || मै देख आई गुइयाँ || हाँ ||
सबसे पुरानी सबसे बढ़िया,
जवाहर चौक की माता माड़िया,
जनकपुरी की मैया री || मैं देख आई गुइयाँ || हाँ ||
काजी कैम्प सिन्धी कालोनी,
रथ पर बैठी मात भवानी,
"पदम्" पड़े उनके पैयां री || मैं देख आई गुइयाँ || हाँ ||
श्रावण के सोमबार को भारी
मेला पहुंचे नर नारी,
न्योरी की पारबती मैया री || मैं देख आई गुइयाँ || हाँ ||
मिर्ची धनिया थोक विकत है,
उतई पे डिस्पोजल भी मिलत है,
आजाद मार्केट की मैया री || मै देख आई गुइयाँ || हाँ ||
सबसे पुरानी सबसे बढ़िया,
जवाहर चौक की माता माड़िया,
जनकपुरी की मैया री || मैं देख आई गुइयाँ || हाँ ||
काजी कैम्प सिन्धी कालोनी,
रथ पर बैठी मात भवानी,
"पदम्" पड़े उनके पैयां री || मैं देख आई गुइयाँ || हाँ ||
-: इति :-
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