----- तर्ज :- मैं तेरी दुश्मन, दुश्मन तू मेरा -----
----- फ़िल्म :- नगीना -----
तू मेरी माता बेटा मैं तेरा, तू ज्योति मैं अंधेरा -2
आ जाओ माँ अब न करियो देर - लगाई टेर ।।
क्या लाया हूँ, क्या ले जाऊं, द्वार पे तेरे बलि बलि जाऊं,
करलूं पूजा, करलूं भक्ति, ऐसी मुझमें कहाँ है शक्ति,
मैंने तो डाला चरणों में डेरा ।। तू ज्योति ।।
निर्मल मन हे कोमल काया मुश्किल से यह नर तन पाया
क्या क्या बादें करके आया मूरख तूने जन्म गंवाया
यह दुनिया तो है रैन बसेरा ।। तू ज्योति ।।
माँ की महिमा सबसे न्यारी करती है वह शेर सवारी,
शेरा बाली ज्योता बाली, भक्तों की करती रखबाली,
भक्तों ने गाया गुणगान तेरा ।। तू ज्योति ।।
माँ दुर्गे की माला जपले, माँ की चौखट पर सर रखले,
अगर जो माँ की आंख खुलेगी "पदम" की झोली भरी मिलेगी,
ऐसा मिलेगा न मौका सुनहरा ।। तू ज्योति ।।
-: इति :-
0 comments:
Post a Comment