तर्ज़:- सजादो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये है
गणेश जी का भजन
सजादो मन को मंदिर सा, मेरे गणराज आये है।
लगे मन्दिर भी सुंदर सा, मेरे गणराज आये हैं।।
(1) सुदी भादों चतुर्थी को,झुलावे गौरा गणपति को।
ललन इनका मनोहर सा, मेरे गणराज आये है।।सजादो।।
(2) है गौरा मात कल्याणी,पिता है भोले वरदानी ।
ह्रदय जिनका समुन्दर सा, मेरे गणराज आये हैं।।सजादो।।
(3) है स्वामी रिद्धि सिद्धि के,है दाता ज्ञान बुद्धि के।
"पदम्"मिले ज्ञान अम्बर सा, मेरे गणराज आये है।।सजादो।।
।।इति।।
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