तर्ज़:-एक प्यार का नगमा है मोजों की रवानी है
फ़िल्म :-शोर
; महामारी कोरोना का गीत ;
महामारी कोरोना है,जाने क्या होना है ।
ना दवा है ,ना दुआ है,बस रोना ही रोना है ।।
(1) ना अज़ान है मस्ज़िद में,ना है आरती मन्दिर में,
आलम है उदासी का, मातम है घर घर मे ।
किस किस को खो बैठे,किस किस को खोना है।।ना दवा है।।
(2) शमशान नही खाली,लाशें लगी लाइन में,
मुँह तक न देख सके,माँ का अंतिम छन में ।
लाशों की माला में,किस किस को पिरोना है।।ना दवा है।।
(3) कई मांग हुई सुनी,कही भाई छोड़ गया,
बूढ़े मा बाप तो है, बेटा मुँह मोड़ गया ।
जीवन अनमोल "पदम्" शीशे का खिलोना है।।ना दवा है।।
// इति//
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